आज पुरा देश जय हो के जय कार गुन्ज्मान है ....सब तरफ़ ...जय हो ...हर जगह ...जय हो ...जिससे भी बात करो ...शुरुआत की तो जय हो ....गुड मोर्निग की जगह अब जय हो .......जाहिर सी बात है जय हो होना भी चाहिए .लेकिन क्या हमे जय हो के लिए फिल्मो पर आश्रित होना परेगा ...क्या हमे गानों के धुन में जय हो गाना होगा ...क्या हमे किसी के बताने पर जय हो का नारा लगना होगा ....हम कहा थे ...और अब कहा है ...ये सामने वाला बताएगा तब हम जानेगे .....क्यो हम किसी के याद दिलाने पर याद करते है हम कौन है ...हमारी संस्कृति क्या है.....हम किस महान देश में रहते है ...ये भी बताना होगा ....क्यो ऐसा होता है ...क्या हम भूलते जा रहे है आपने देश को ...अपने संस्कृति को ...अपने कर्तव्य को .....देश के प्रति अपने निष्ठां को .....ऐसा क्यो ?क्या हम दूसरो पर इतना आश्रित होना परेगा ...क्यो हमे बार-बार गुलजार याद दिलाते है ....क्यो हमे अपने धुनों से रहमान याद दिलायेगे की .....जय हो .....जय हो .....
Tuesday, February 24, 2009
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